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Bhopal में अंग्रेज़ी शराब की बढ़ती मांग, देसी शराब हो रही कहीं दूर पीछे!

Bhopal में अंग्रेजी शराब की बढ़ती मांग और देसी शराब की घटती लोकप्रियता का चार्ट

रियल डेटा क्या कहता है?

ISWAI (International Spirits & Wines Association of India) की रिपोर्ट के अनुसार, UP में premium/IMFL की मांग में 32% CAGR से वृद्धि हुई है—मध्य प्रदेश में भी यह ट्रेंड दिख रहा है. जबकि देसी शराब (country liquor) अब भी कुल बिक्री में 52–65% हिस्सा रखती है, इसकी वृद्धि दर मात्र 4–7% के बीच है.

Bhopal में खास क्या हो रहा है?

Bhopal: क्यों इतनी तेज़ी से बढ़ रही है IMFL की मांग?

युवा वर्ग और मेट्रो ट्रेंड की प्रवृत्ति: लोग अब imported whisky, gin, rum और vodka जैसे premium स्पिरिट्स की ओर झुक रहे हैं.

अर्थव्यवस्था में सुधार और disposable income बढ़ने का प्रभाव भी साफ दिख रहा है—UP और MP दोनों में premiumisation trend है.

Bhopal: देसी शराब करती दे दस्तक, लेकिन बिक नहीं रही

Bhopal: कई चुनौतियाँ और विवाद

समस्या विवरण
ब्रांड सीमितता एक ही ग्रुप द्वारा अधिकांश लाइसेंस मिलने की वजह से दुकानों में विकल्प कम और monopolistic pricing का खतरा बढ़ा हुआ है Business Standard+3bhaskarenglish.in+3deccanherald.com+3
उच्च कीमत कई shops में अंग्रेज़ी शराब का भाव printed MRP से अधिक है—ग्राहक शिकायत दर्ज कर रहे हैं।
राजस्व का प्रभाव राज्य को मिलता revenue घट सकता है क्योंकि undeclared or illicit liquor trade बढ़ सकता है।
स्वास्थ्य जोखिम देसी शराब में adulteration की संभावना अधिक होती है—यह ख़तरनाक साबित हो सकती है ।

निष्कर्ष:

Bhopal में IMFL यानी अंग्रेज़ी शराब की मांग तेज़ी से बढ़ रही है क्योंकि युवा, middle-class और ग्रामीण आबादी ब्रांडेड अनुभव और premium feel की ओर आकर्षित हो रही है। वहीँ देसी शराब, जोकि सबसे सस्ता विकल्प रही, उसकी growth धीमी और market share सापेक्ष गिर रहा है।

राज्य सरकार, excise विभाग और civil society को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि:

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