हरियाणा सरकार ने राज्य में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब प्रदेश के सभी ईंट-भट्टों को केवल बायोमास ईंधन का उपयोग करने का आदेश जारी किया गया है। यह नियम राज्य में वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाने और पर्यावरण को संरक्षित रखने के उद्देश्य से लाया गया है।
सरकार द्वारा जारी निर्देश के अनुसार:
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अब कोयले या अन्य पारंपरिक ईंधनों के इस्तेमाल पर रोक रहेगी।
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बायोमास आधारित ईंधनों जैसे धान की भूसी, लकड़ी के चूरा, बायोब्रिकेट्स आदि को ही मान्यता दी गई है।
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नियमों का उल्लंघन करने वाले ईंट-भट्टों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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सभी जिलों को आदेश के पालन की निगरानी का निर्देश दिया गया है।
राज्य सरकार ने यह निर्णय हाल ही में बढ़ते प्रदूषण स्तरों को देखते हुए लिया है। हरियाणा के कई जिलों में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच चुकी है। ईंट-भट्टों में भारी मात्रा में कोयले के जलने से धुएं और कार्बन उत्सर्जन का स्तर खतरनाक हो गया है। इसी वजह से अब केवल पर्यावरण-अनुकूल बायोमास ईंधनों के प्रयोग को अनिवार्य किया गया है।
इस नए आदेश से राज्य में चल रहे करीब 2500 से अधिक ईंट-भट्टों पर असर पड़ेगा। हालांकि, इससे शुरुआती लागत बढ़ सकती है, लेकिन लंबे समय में यह कदम पर्यावरण और जनस्वास्थ्य दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा। सरकार ने व्यवसायियों से इस नियम का पालन करने की अपील की है ताकि भविष्य में और सख्त कार्रवाई न हो।
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